ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हम कुछ और भी कर सकते थे लेकिन…; PoK के लोग हमारे अपने- राजनाथ सिंह

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के लोग भारत का हिस्सा हैं और वे भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग होने के बावजूद, पीओके के लोग स्वाभिमान और अपनी इच्छा से एक दिन भारत की मुख्य धारा में जरूर लौटेंगे. सिंह ने कहा कि वहां के ज्यादातर लोग भारत से जुड़ाव रखते हैं, बस कुछ लोग ही हैं जिन्हें गुमराह किया गया है.

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा शक्ति और संयम का संतुलन बनाया है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन में भारत ने पहले आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और फिर दुश्मन के सैन्य अड्डों और हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि हम और भी बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन सत्ता के साथ संयम भी जरूरी है. भारत ने इस संयम और शक्ति के समन्वय का एक शानदार उदाहरण दुनिया के सामने पेश किया है.

एएमसीए के 5 प्रोटोटाइप बनेंगे

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए राजनाथ सिंह ने बताया कि हाल ही में एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. यह पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जिसे भारत में ही बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत पांच प्रोटोटाइप तैयार किए जाएंगे, जिसके बाद बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा. यह मेक इन इंडिया प्रोग्राम का एक बड़ा कदम है, क्योंकि पहली बार किसी बड़े रक्षा प्रोजेक्ट में निजी क्षेत्र को भी शामिल किया गया है. सिंह ने इसे एक साहसिक और निर्णायक फैसला बताया, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा और एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.

ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन ने मेक इन इंडिया की सफलता को साबित किया है. उन्होंने कहा कि आज यह साफ हो गया है कि मेक इन इंडिया भारत की सुरक्षा और समृद्धि के लिए जरूरी है. ऑपरेशन के दौरान भारत के स्वदेशी सिस्टम ने दुश्मन के किसी भी कवच को भेदने की ताकत दिखाई, जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया.

दुनिया ने देख ली भारत की ताकत

रक्षा क्षेत्र में भारत की प्रगति का जिक्र करते हुए सिंह ने बताया कि भारत अब सिर्फ लड़ाकू विमान या मिसाइल सिस्टम ही नहीं बना रहा, बल्कि नई युग की युद्ध तकनीकों के लिए भी तैयार हो रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर डिफेंस, मानवरहित सिस्टम और अंतरिक्ष आधारित सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी मजबूत पकड़ बना रहा है.

रक्षा मंत्री ने गर्व के साथ बताया कि भारत का रक्षा निर्यात पिछले 10 सालों में तेजी से बढ़ा है. 10-11 साल पहले जहां यह 1,000 करोड़ रुपये से भी कम था, वहीं आज यह 23,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. भारत अब हथियारों के साथ-साथ सिस्टम, सब-सिस्टम, कंपोनेंट्स और सर्विसेज को 100 से ज्यादा देशों में निर्यात कर रहा है. रक्षा उत्पादन भी 43,746 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,46,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसमें निजी क्षेत्र का योगदान 32,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

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