‘वोट चोरी’ पर कांग्रेस को बीजेपी का जवाबी वार, सोनिया गांधी की मतदाता सूची में एंट्री पर उठाए सवाल

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दिल्ली की सियासत में “वोट चोरी” को लेकर जुबानी जंग तेज़ होती जा रही है। जहां एक ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए, वहीं अब बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की मतदाता सूची में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सोनिया गांधी की वोटर आईडी में गंभीर गड़बड़ियां

बीजेपी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए दावा किया कि सोनिया गांधी का नाम मतदाता सूची में उस समय जोड़ा गया था, जब वह भारत की नागरिक ही नहीं थीं। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,“सोनिया गांधी की मतदाता सूची में मौजूदगी चुनावी कानूनों का खुला उल्लंघन है। यह शायद राहुल गांधी की ‘ग़ैर-कानूनी वोटर्स’ को वैध कराने की रुचि की भी वजह है।”

1980 में जुड़ा था नाम, 1983 में बनी थीं नागरिक: बीजेपी

बीजेपी का दावा है कि सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में दिल्ली की मतदाता सूची में जोड़ा गया था, जबकि वे उस समय अब भी इतालवी नागरिक थीं और भारत की नागरिकता उन्हें 1983 में मिली।

अमित मालवीय ने बताया, “1980 में 1 सफदरजंग रोड — तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आधिकारिक निवास — उस पते पर मतदाता सूची में केवल इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी के नाम थे। लेकिन 1980 की पुनरीक्षित मतदाता सूची में, पोलिंग स्टेशन 145 पर सीरियल नंबर 388 पर सोनिया गांधी का नाम जोड़ा गया।”

बीजेपी का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से भारतीय नागरिकता कानून और चुनावी नियमों का उल्लंघन था, जिसके तहत केवल भारतीय नागरिक ही मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं। “1982 में जब इस मुद्दे को लेकर सार्वजनिक विरोध हुआ, तो सोनिया गांधी का नाम हटाया गया। लेकिन 1983 में फिर से उसे सूची में जोड़ दिया गया,” मालवीय ने कहा।

उन्होंने तीखे अंदाज़ में पूछा: “अगर यह खुला चुनावी अपराध नहीं है, तो फिर क्या है?”

बीजेपी की जारी की एक विस्तृत रिपोर्ट

बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस और विपक्षी गढ़ों में भारी पैमाने पर फर्जी और संदिग्ध वोटरों की मौजूदगी का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया कि राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेता सिर्फ आरोप लगाकर ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं, जबकि उनके खुद के संसदीय क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं।

बीजेपी ने इस मुद्दे पर 70 स्लाइड्स की एक विस्तृत रिपोर्ट भी जारी की है, जिसमें विपक्ष के मजबूत गढ़ माने जाने वाले छह लोकसभा क्षेत्रों — रायबरेली, वायनाड, डायमंड हार्बर, कन्नौज, मैनपुरी और कोलाथुर — में मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ियों की जानकारी दी गई है। इन सीटों से क्रमश: राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, अभिषेक बनर्जी, डिंपल यादव, अखिलेश यादव और एम.के. स्टालिन चुनाव जीत चुके हैं।

बीजेपी का सबसे बड़ा आरोप यह है कि इन क्षेत्रों में “घुसपैठिए वोट बैंक” तैयार किया गया है और राजनीतिक फायदे के लिए बड़े पैमाने पर फर्जी वोटरों को जोड़ा गया है। अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि केवल वायनाड सीट पर ही 93,499 संदिग्ध मतदाता हैं। इनमें 20,438 डुप्लीकेट वोटर हैं, 17,450 फर्जी पतों के साथ, 4,246 ऐसे मतदाता हैं जिनका रिकॉर्ड “मिश्रित परिवारों” के तहत आता है, और 51,365 मतदाताओं को एक साथ ‘मास एडिशन’ के तहत जोड़ा गया है। गौरतलब है कि इस सीट से राहुल गांधी सांसद चुने गए थे और बाद में प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी यहां से जीत हासिल की।

इसी तरह रायबरेली, जो गांधी परिवार का पारंपरिक गढ़ माना जाता है, वहां बीजेपी के अनुसार 2 लाख से ज्यादा संदिग्ध वोटर सूची में हैं। इनमें 19,512 डुप्लीकेट वोटर, 71,977 फर्जी पते वाले मतदाता और 92,747 मास एडिशन के तहत जोड़े गए मतदाता शामिल हैं। अनुराग ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि रायबरेली में 52,000 से अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के सहारे लोगों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल किए गए हैं, जिनके पते भी झूठे हैं।

बीजेपी का यह दावा ऐसे समय आया है जब कुछ ही दिन पहले राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि देश की मतदाता सूची में एक करोड़ से अधिक “रहस्यमयी वोटर” जोड़े गए हैं, और चुनाव आयोग इस पर न तो पारदर्शिता बरत रहा है और न ही डेटा सार्वजनिक कर रहा है। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि कई जगहों पर CCTV फुटेज को नष्ट कर दिया गया और विपक्ष द्वारा मांगे गए आंकड़ों को आयोग ने देने से इनकार कर दिया।

बीजेपी का ताजा हमला न सिर्फ राहुल गांधी के इन आरोपों का जवाब है, बल्कि एक तरह से पलटवार भी है। अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि क्या वे अब अपने पदों से इस्तीफा देंगे, जब यह साबित हो रहा है कि उन्हीं के संसदीय क्षेत्रों में सबसे ज़्यादा फर्जी वोटर पाए जा रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल “Special Intensive Revision” (SIR) प्रक्रिया को रोकना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर मतदाता सूची की गहराई से जांच हुई तो उनके फर्जी वोट बैंक का सच सामने आ जाएगा।

उन्होंने राहुल गांधी को “प्रचार का राजा” (propaganda king) बताया और कहा कि कांग्रेस का पूरा चुनावी तंत्र अब ‘घुसपैठिया वोट बैंक’ पर आधारित हो गया है। ठाकुर ने यह भी कहा कि जब मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठाती है, तब कांग्रेस उसमें भी रोड़े अटकाती है, क्योंकि उन्हें राजनीतिक नुकसान का डर सताता है।

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