जानें क्या है UAE का नया गोल्डन वीज़ा प्रोग्राम ?

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यूएई सरकार की नई गोल्डन वीजा पॉलिसी (Image credit: Britannica)

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सरकार ने हाल ही में एक गोल्डन वीज़ा कार्यक्रम लांच किया। जिसके तहत इस देश में आजीवन निवास की चाह रखने वाले एक बार में एक निश्चित शुल्क देकर यहां आजीवन रह सकते हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस योजना के तहत आवेदनकर्ता AED 100,000 (यूएई दिरहम) (लगभग ₹23.3 लाख) का शुल्क देकर बिना किसी अतिरिक्त निवेश के आजीवन गोल्डन वीज़ा प्राप्त कर सकेंगे।

अब तक क्या था नियम?

अब तक UAE में गोल्डन वीज़ा प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को रियल एस्टेट, व्यापार या सरकारी बॉन्ड में भारी निवेश करना पड़ता था। यह निवेश आमतौर पर AED 2 मिलियन (लगभग ₹4.67 करोड़) से कम नहीं होना चाहिए। इसके अलावा कुछ मामलों में विशेष व्यक्ति जैसे मशहूर अभिनेता, खिलाड़ियों और योग्य प्रतिभाओं को यह वीज़ा दिया जाता था।

गोल्डन वीज़ा स्कीम क्या है?

गोल्डन वीज़ा एक विशेष रेजिडेंसी स्कीम है जो विदेशी नागरिकों को UAE में लंबी अवधि (5 या 10 वर्ष) तक रहने, काम करने और पढ़ने की अनुमति देती है। यह स्कीम न केवल लोगों के लिए आव्रजन की प्रक्रिया को सरल बनाती है साथ ही साथ व्यापार और वहां निवास करने की भी सहूलियत देती है।

क्या है नामांकन प्रक्रिया में बदलाव?

नई नामांकन-आधारित प्रक्रिया के तहत अब उन भारतीय और बांग्लादेशी निवासियों को भी गोल्डन वीज़ा मिल सकेगा जो केवल एकमुश्त शुल्क चुकाने के इच्छुक हैं, और जिन्हें किसी स्थानीय व्यक्ति या संस्था द्वारा नामांकित किया गया है। इस प्रक्रिया में रियल एस्टेट या व्यवसाय में निवेश की अनिवार्यता को भी हटा दिया गया है।

किन्हें मिलता है गोल्डन वीज़ा?

UAE की मौजूदा नीति के तहत दो प्रमुख श्रेणियों में गोल्डन वीज़ा दिया जाता है:

1. निवेशक और उद्यमी:
जो व्यक्ति UAE में कम से कम 2 मिलियन अमीरात दिरहम (AED) का निवेश करते हैं या कोई व्यापारिक परियोजना कम से कम AED 500,000 (लगभग ₹1.17 करोड़) की शुरू करते हैं।

2. विशेष प्रतिभाएं

इसके अलावा कुछ विशेष योग्य व्यक्तियों जैसे- डॉक्टर, वैज्ञानिक, कलाकार, आविष्कारक, एथलीट, वैज्ञानिक क्षेत्रों के विशेषज्ञ, इंजीनियरिंग या विज्ञान में डॉक्टरेट धारक, और उत्कृष्ट छात्रों को यह वीजा मिलता है।

क्या है इसका महत्व?

यह नई योजना यूएई की आव्रजन नीतियों को और अधिक लचीला बनाती है और दक्षिण एशियाई देशों के पेशेवरों और मध्यमवर्गीय नागरिकों के लिए स्थायी रेजिडेंसी का रास्ता खोलती है। अमूमन दूसरे देशों जैसे अमेरिका और यूरोप के देशों में नागरिकता पाना एक कठिन प्रक्रिया है। उन देशों की नागरिकता पाने के लिए लोगों को वहां पर एक निश्चित अवधि के लिए निवास करना पड़ता है। वहां पर इन्वेस्टमेंट करने पड़ते हैं, जो एक मध्यम वर्गीय के लिए बिल्कुल आसान नहीं होता है। यूएई में इस प्रकार की स्कीम से एक मध्यम वर्गीय भी उस देश में बसने की सोच सकता है।

यूएई सरकार ने इस स्कीम के बारें में अभी जानकारी साझा नहीं की है। गोल्डन वीज़ा को लेकर क्या नियम होने वाले है, पंजीकरण प्रक्रिया क्या होगी, इसका जानकारी आने वाले दिनों में पता चलेगी।

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