बलात्कार मामले में पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा

Khabar Desh
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प्रज्वल रेवन्ना (X)

जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने बलात्कार के एक मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उन पर ₹10 लाख का जुर्माना भी लगाया है।

यह मामला कर्नाटक के हासन जिले में दर्ज तीन बलात्कार मामलों में से एक है, जिसमें रेवन्ना को दोषी पाया गया है। 34 वर्षीय प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवगौड़ा के पोते, कर्नाटक के पूर्व मंत्री एच. डी. रेवन्ना के पुत्र और केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के भतीजे हैं। निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत की अध्यक्षता करने वाले एडिशनल सिटी सिविल एंड सेशन्स जज संतोष गजानन भट ने ये फ़ैसला सुनाया.

पीड़िता घरेलू सहायिका, सत्ता के दुरुपयोग का आरोप

प्रज्वल रेवन्ना पर आरोप था कि उन्होंने एक मध्यम आयु वर्ग की घरेलू सहायिका के साथ पारिवारिक फार्महाउस में बलात्कार किया। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि उन्होंने “प्रभाव और नियंत्रण की स्थिति” का दुरुपयोग करते हुए यह अपराध किया।

उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(के) (प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा रेप), 376(2) (एन) (बार-बार रेप), 354(ए) (हमला या बल का प्रयोग), 354(सी) (ताक-झांक), 506 (साक्ष्यों को ग़ायब करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66(ई) के तहत दोषी क़रार दिया गया था।

वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तारी, डीएनए जांच बनी निर्णायक

पूर्व सांसद को 31 मई, 2024 को तब गिरफ्तार किया गया जब वे जर्मनी से लौटे। इससे पहले वे कुछ आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के बाद देश छोड़कर चले गए थे। इन वीडियो में उन्हें कई महिलाओं का यौन शोषण करते हुए दिखाया गया था। ये वीडियो कथित रूप से उनके स्वयं के मोबाइल फोन से रिकॉर्ड किए गए थे।

ये वीडियो 26 अप्रैल, 2024 को हासन लोकसभा क्षेत्र में मतदान से कुछ दिन पहले लीक हुए थे। उस समय प्रज्वल वहां से जद(एस)-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी थे। इस विवाद के बाद प्रज्वल चुनाव हार गए थे।

कर्नाटक पुलिस की एक विशेष जांच टीम (SIT) ने इस मामले की जांच करते हुए पुख्ता सबूत जुटाए। वीडियो फुटेज के अलावा, डीएनए जांच निर्णायक साबित हुई। घटना के दिन पीड़िता द्वारा पहने गए वस्त्रों पर पाए गए बाल और शारीरिक स्राव के नमूने प्रज्वल के डीएनए से मेल खा गए। जो प्रज्वल के दोष में निर्णायक साबित हुए।

मामले की शुरुआत और SIT की चार्जशीट

इस मामले में पीड़िता का बयान 2 मई, 2024 को दर्ज किया गया था। पीड़िता का कहना था कि वीडियो में पहचान लिए जाने के बाद उसे कैद करके रखा गया था।

SIT ने दिसंबर 2024 में 1,632 पृष्ठों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 113 गवाहों के बयान शामिल थे। अदालत ने 3 अप्रैल, 2025 को आरोप तय किए और अब मामला प्रज्वल की दोषसिद्धि और उम्रकैद की सज़ा के साथ समाप्त हुआ। चार्जशीट के अनुसार, पीड़िता का दो बार बलात्कार हुआ। एक बार होलेनरसीपुर स्थित फ़ार्महाउस पर और एक बार एचडी रेवन्ना के बेंगलुरु स्थित आवास पर।

पूर्व ड्राइवर ने खोले राज

इस मामले को सामने लाने में एक अहम भूमिका प्रज्वल रेवन्ना के पूर्व ड्राइवर कार्तिक एन (34) की रही। कार्तिक ने अदालत को बताया कि उन्होंने सांसद के फोन में 2,000 से अधिक अश्लील तस्वीरें और 40–50 यौन उत्पीड़न से संबंधित वीडियो पाए थे। इन्हीं सबूतों के आधार पर पीड़िताओं की पहचान हुई और व्यापक यौन शोषण का पैटर्न उजागर हुआ।

हालांकि इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन प्रज्वल रेवन्ना पर अभी दो अन्य यौन उत्पीड़न मामलों में भी मुकदमा चल रहा है। इनमें से एक मामला एक पूर्व जद(एस) जिला पंचायत कर्मी द्वारा बार-बार किए गए कथित यौन शोषण से जुड़ा है, जिसमें हाल ही में पीड़िता के पति ने अदालत में गवाही दी है।

दूसरा मामला एक घरेलू रसोइया और उसकी बेटी द्वारा दर्ज किया गया है, जिन्होंने प्रज्वल द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

राजनीतिक साजिश का आरोप

रेवन्ना परिवार ने इन सभी मामलों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज किया है। परिवार का आरोप है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर यह षड्यंत्र रचा है ताकि हासन क्षेत्र में जद(एस) के प्रभाव को खत्म किया जा सके, जो वर्षों से उनका मजबूत गढ़ रहा है।

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