कंगना रनौत ने राहुल गांधी के EC मार्च पर कसा तंज, कहा – ” सहानुभूति के लिए ओवरएक्टिंग कर रहे हैं ”

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में सोमवार को I.N.D.I.A. गठबंधन के सांसदों ने चुनाव आयोग (EC) के कार्यालय तक मार्च किया। यह मार्च चुनावी गड़बड़ियों और ‘वोट चोरी’ के आरोपों के खिलाफ था। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने मार्च की अनुमति न होने का हवाला देते हुए राहुल गांधी समेत कई सांसदों को हिरासत में ले लिया।

इसी बीच, मंडी से भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उनके प्रदर्शन को “ओवरएक्टिंग” करार दिया। कंगना ने सोमवार को अपने इंस्टाग्राम पर स्टोरी पर साझा की, जिसमें लिखा था कि दिल्ली पुलिस ने I.N.D.I.A. गठबंधन के सांसदों को हिरासत में लिया है।

ओवरएक्टिंग वाला लाउज़ी एक्सप्रेशन टू गेन सिम्पथी” (यानी – सहानुभूति पाने के लिए ओवरएक्टिंग कर रहे हैं और घटिया चेहरे बना रहे हैं।)

बीजेपी के साथ वोट चोरी में शामिल चुनाव आयोग

पिछले कई दिनों से राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी का इल्जाम लगा रहे थे। जिसके बाद उन्होंने इंदिरा भवन में एक लाइव प्रेजेनटेशन देकर वोट धांधली के कुछ तथ्य प्रस्तुत किए थे । राहुल गांधी ने दावा किया कि एक लोकसभा सीट में 1,00,250 वोटों की गड़बड़ी हुई है, जिसमें:

  • 11,965 डुप्लीकेट वोटर
  • 40,009 फर्जी या अमान्य पते वाले वोटर
  • 10,452 एक ही पते पर दर्ज कई वोटर
  • 4,132 अवैध फोटो वाले वोटर
  • 33,692 Form-6 का दुरुपयोग कर बनाए गए नए वोटर शामिल हैं।

राहुल गांधी के आरोपों को सरासर गलत बताते हुए चुनाव आयोग ने उसने सबूत सौपनें की मांग की है।

बीजेपी का पलटवार: “झूठे आरोप, हताश हैं राहुल”

राहुल गांधी के इन आरोपों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। रविवार को पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी ने एक बार फिर बिना आधार और झूठे आरोप लगाए हैं, जो उनकी सत्ता से बाहर होने की कुंठा को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी, जो भारतीय राजनीति के ‘हमेशा युवा’ नेता रहे हैं और निरंतर बेतुकी बातें करते रहते हैं, अब संविधानिक संस्थाओं को निशाना बनाकर अपनी हताशा निकाल रहे हैं।”

राहुल गांधी द्वारा बिहार में 65 लाख वोटरों के नाम हटाए जाने को लेकर उठाए गए सवाल पर भी सुधांशु त्रिवेदी ने जवाब देते हुए कहा कि जिनका नाम मतदाता सूची से हटा है, वे दस्तावेज़ों के साथ चुनाव आयोग में अपील कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई साजिश नहीं है बल्कि एक कानूनी और पारदर्शी प्रक्रिया है।

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