कोलकाता शहर के कासबा इलाके स्थित एक लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ गैंगरेप की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। घटना बुधवार 25 जून की शाम 7:30 बजे से 10:50 बजे के बीच कॉलेज परिसर में हुई बताई जा रही है। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो छात्र (एक पूर्व छात्र) और एक कॉलेज स्टाफ सदस्य शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
यह घटना दक्षिण कोलकाता स्थित साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज के परिसर में हुई । गुरुवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक पूर्व छात्र और तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) का पूर्व यूनिट अध्यक्ष भी शामिल है।
पुलिस ने जिन आरोपियों की पहचान की है, उनमें शामिल हैं:
- मनोजित मिश्रा (31 वर्ष), जो कॉलेज का पूर्व छात्र और टीएमसीपी का पूर्व छात्र नेता है।
- जैब अहमद (19 वर्ष), वर्तमान छात्र।
- प्रमित मुखर्जी उर्फ प्रमित मुखोपाध्याय (20 वर्ष), जो कॉलेज से जुड़ा बताया जा रहा है।
यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बन गया है, क्योंकि मुख्य आरोपी का कथित संबंध सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाया है।
बीजेपी ने टीएमसी को घेरा
घटना के सामने आते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
“भयावह! कासबा के लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ 25 जून को गैंगरेप हुआ। इसमें एक पूर्व छात्र और दो कॉलेज कर्मचारी शामिल हैं।”
इसके अलावा उन्होंने एक और पोस्ट में कई सवाल पूछते हुए लिखा कि कैसे कॉलेज का एक पुराना छात्र कॉलेज में घूम रहा था। एक लॉ कैंपस में जब ये घटना हुई तब कॉलेज का प्रशासन क्या कर रहा था ?
उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि पहले उस छात्रा को वॉशरूम ले जाया गया इसके बाद उसके चीखने-चल्लाने पर कमरे में घसीटा गया, लेेकिन फिर भी वहां पर किसी को भनक तक नहीं लगी, जबकि ये सब किसी सून-सान जगह ही बल्कि तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के यूनियन रूम के ठीक बाहर हो रहा था।
फिलहाल इन दावों में कितनी सच्चाई ये आगे जानकारी आने पर पता चलेगा।
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी तीखा हमला करते हुए लिखा, “शर्मनाक! बंगाल में कानून व्यवस्था गर्त में जा चुकी है। तृणमूल शासन में अपराधी बेखौफ हैं।”
10 महीने पहले मेडिकल कॉलेज में भी हुआ था ऐसा ही अपराध
घटना को लेकर राजनीतिक पारा एक बार फिर से चढ़ने वाला है क्योंकि 10 महीनेे पहले ही कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई वीभत्स वारदात अभी भी सभी के जे़हन में ताजा है। पिछले साल अगस्त में हुए उस जघन्य अपराध में एक महिला जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। 33 वर्षीय संजय रॉय, जो कोलकाता पुलिस में एक नागरिक वॉलिंटयर के रूप में काम करता था, उसको इस मामले में दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सज़ा दी गई थी। हालांकि पीड़िता के परिजनों सहित कई लोगों ने मौत की सज़ा की मांग की थी। उस रेप केस ने पूरे देश भर में आक्रोश और गुस्सा भर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा जिसमें कोर्ट ने केस की जांच से असंतुष्टि जताते हुए बंगाल सरकार और पुलिस दोनों को फटकार लगाई थी। साथ ही साथ यह मामला एक राजनीतिक घमासान में तब्दील हो गया था, जिसमें पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी जमकर घेरा गया। एक बार फिर से अब कासबा लॉ कॉलेज गैंगरेप ने भी राजनीतिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया है।