कोलकाता के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए कथित गैंगरेप मामले ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संवेदनशील घटना को गंभीरता से लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो घटनास्थल का दौरा कर रिपोर्ट सौंपेगी।
जांच समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल
बीजेपी द्वारा गठित इस समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री और महिला अधिकारों की पैरोकार मीनाक्षी लेखी, राज्यसभा सांसद बिप्लब देब और वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सांसद मनन मिश्रा को शामिल किया गया है। यह समिति जल्द ही कोलकाता पहुंचकर घटना स्थल का दौरा करेगी और इससे जुड़े तथ्यों की पड़ताल कर पार्टी अध्यक्ष को एक रिपोर्ट सौंपेगी।
बीजेपी ने इस घटना को “राज्य की लचर कानून-व्यवस्था” का परिणाम बताया है और इसे बेहद घृणित करार देते हुए तुरंत न्याय की मांग की है।
पुलिस ने कॉलेज गार्ड को गिरफ्तार किया
शनिवार को पुलिस ने इस मामले में अब कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) को भी गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले इस केस में तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं- मोनोजित मिश्रा (31), ज़ैब अहमद (19) और प्रमित मुखोपाध्याय (20) — को घटना के 24 घंटे के भीतर ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। पुलिस के अनुसार ये सभी आरोपी कॉलेज के पूर्व छात्र या स्टाफ सदस्य रह चुके हैं।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों को अलीपुर की एसीजेएम अदालत में पेश किया जाएगा और उनके पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी ताकि जांच में आवश्यक तथ्य सामने लाए जा सकें।
पुलिस के अनुसार, यह कथित घटना बुधवार शाम करीब 7:30 बजे से रात 10:50 बजे के बीच घटी, जब महिला छात्रा परीक्षा से संबंधित कुछ फॉर्म भरने के लिए कॉलेज गई थी। पीड़िता कथित रूप से कॉलेज में तृणमूल छात्र परिषद (TMCP) की महिला शाखा की सचिव थी। उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि आरोपियों ने उसे कुछ चर्चाओं के बहाने रुकने के लिए कहा था।
महिला आयोग ने लिया संज्ञान
घटना को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी संज्ञान लिया है। आयोग की चेयरपर्सन विजया रहाटकर ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर घटना की निंदा की और कहा कि जांच को ‘भारतीय न्याय संहिता’ (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) के तहत जल्द पूरा किया जाए। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए।
कल्याण बनर्जी का विवादित बयान
टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी के एक बेतुके बयान ने सियासी पारा और बढ़ा दिया है। मीडिया से बात करते हुए, बनर्जी ने कहा, “पुलिस हर समय कॉलेज या स्कूल में मौजूद नहीं रह सकती। यह कॉलेज प्रशासन का हिस्सा नहीं है। यह घटना स्टूडेंट्स के बीच की है। क्या किया जा सकता है जब दोस्त ही बलात्कार जैसा अपराध कर दे। जो गुनहगार है, उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए।”
बनर्जी के बयान पर बीजेपी ने तुरंत टीएमसी को घेरते हुए अपने बंगाल सोशल मीडिया हैंडल से पलटवार किया। बीजेपी ने बनर्जी का वीडियो पोस्ट कर लिखा कि – टीएमसी सांसद गुनहगारों को सपोर्ट कर महिला सुरक्षा को मात्र एक राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं। ये पहली बार नहीं है आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप केस में भी कल्याण बनर्जी ने उठे प्रोटेस्ट को गैर-जिम्मेदाराना बताया था। पुलिस महिला सुरक्षा के बजाय टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और उनके नेताओं की सेवा करती है, उनके लिए छाते लेकर खड़ी रहती है।