हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश जारी है, जिससे राज्य की स्थिति भयावह बनी हुई है। भारी बारिश से लैंड स्लाइड और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने का खतरा है। इन्हीं खतरों की संभावना के बीच अब खबर यह है कि राजधानी शिमला में एक पांच मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई। यह घटना सोमवार सुबह भट्टाकुफर क्षेत्र में हुई, जिससे स्थानीय लोगों में भारी दहशत फैल गई है। राहत की बात यह रही कि किसी भी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई है लेेकिन इस इमारत के गिरने से लोगों में डर का माहौल है कि उस क्षेत्र के दूसरे घर भी गिर सकते हैं।
पहले ही मिल चुके थे संकेत
स्थानीय पुलिस के अनुसार- सोमवार की घटना से पहले ही प्रभावित क्षेत्र के कुछ घरों में दरारें दिखाई दी थी, जिस कारण रविवार ही इस बिल्डिंग समेत कई और घरों को खाली करा लिया गया था। खबर एजेंसी एएनआई के अनुसार- शिमला ग्रामीण सब डिविजल मजिस्ट्रेट(एसडीएम) मनजीत शर्मा ने बताया, “जो इमारत ढही है वह श्रीमती रंजना की थी और उसमें संरचनात्मक कमजोरी के स्पष्ट संकेतों के चलते उसे पहले ही रात को खाली करा लिया गया था। लगभग सुबह 8 बजे यह घटना हुई है। पास में तीन-चार और भवन भी टूटने की स्थिति में हैं, जिन्हें तत्काल खाली कराया गया है। किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।”
यहां देखें वीडियो-
सड़क चौड़ीकरण से हो सकता है संभावित कारण
घरों में दरार और इस बिल्डिंग के गिरने के पुख्ता कारण अभी तक पता नहीं चले हैं, लेकिन एसडीएम शर्मा ने संकेत दिया है कि मकान ढहने का संभावित कारण इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा चल रही चार लेन सड़क चौड़ीकरण परियोजना हो सकती है।सड़क चौड़ी करने के लिए भारी मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है। साथ ही साथ पत्थर हटाए जा रहे हैं जिस कारण वहां की जमीन कमजोर हो गई है और जिससे यह दुर्घटना संभव हो सकती है।
हालांकि भूमि संरचना मजबूती बनाए रखने की पूर्व में कुछ प्रयास किए गए थे, लेकिन वे विफल साबित हुए। अब एक सिविल इंजीनियरिंग टीम इलाके में पहुंचकर सभी घरों का विस्तृत निरीक्षण करेगी। जो भवन सुरक्षित नहीं पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत खाली कराकर वापस रहने लायक बनाया जाएगा
भारी बारिश के बीच घर हुए खाली
शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में भारी बारिश के बीच राहत कार्य जारी है। प्रभावित परिवारों को तत्काल मदद उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक पाच भवनों से कुल दस परिवारों—मकान मालिक और किराएदार—को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किया गया है। वहीं, श्रीमती रंजना समेत सभी प्रभावित परिवारों को राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है। यदि जांच में एनएचएआई या उसके साथ रोड निर्माण में लगी कंपनी की लापरवाही का दोष सिद्ध होता है, तो जांच के आधार पर प्रभावितों को मुआवजा भी दिया जाएगा।
राज्य रेड अलर्ट पर
हिमाचल प्रदेश में आने वाले कुछ दिन ऐसे ही हालत बने रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी जिलों जैसे- कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, किन्नौर, शिमला और सिरमौर, में भारी बारिश के चलते रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।