एयर इंडिया AI-171 दुर्घटना की प्रारम्भिक रिपोर्ट आई सामने: टेकऑफ के तुरंत बाद ईंधन कट-ऑफ से हुआ इंजन बंद, जानें विस्तार से

Khabar Desh
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12 जून को हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 की दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जारी की है। यह रिपोर्ट 15 पन्नों की है और इसमें उस भयानक हादसे के कई अहम पहलुओं का खुलासा किया गया है। यह दुर्घटना भारतीय विमानन इतिहास की सबसे भीषण घटनाओं में से एक है।

टेकऑफ के बाद कुछ ही सेकंड में दोनों इंजन बंद

जांच रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने सुबह 08:08 बजे उड़ान भरी और 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड (IAS) प्राप्त की। इसी क्षण, दोनों इंजनों के फ्यूल कट-ऑफ स्विच- जो सामान्यतः ‘RUN’ की स्थिति में रहते हैं -अचानक ‘CUTOFF’ की स्थिति में चले गए। यह परिवर्तन केवल एक सेकंड के अंतर में हुआ। इससे विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए और इंजन के N1 और N2 रोटेशन स्पीड में तेजी से गिरावट आने लगी। यह सब उस समय हुआ जब विमान लगभग 400 फीट की ऊंचाई पर था , जो कि इंजन विफलता की स्थिति में रिकवरी के लिए पर्याप्त ऊंचाई नहीं होती है।

पायलटों के बीच अंतिम क्षणों में संवाद

रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने फ्यूल क्यों कट कर दिया। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया। रिपोर्ट यह स्पष्ट नहीं करती कि यह संवाद किस पायलट ने किससे किया। कोई अन्य संवाद या ट्रांसक्रिप्ट रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। यहां पर सवाल उठ रहा है कि 38 सेंकेंड के दौरान दोनों पायलट के बीच मात्र इतना ही संवाद हुआ है।

स्विच RUN पोजिशन में पाए गए, पर कुछ देर CUTOFF पर थे

हादसे के बाद मलबे से जो स्विच बरामद हुए, वे RUN की स्थिति में पाए गए। यानी, ऐसा प्रतीत होता है कि इंजन बंद होने के बाद दोनों स्विच को दोबारा RUN पर लाने की कोशिश की गई थी, जिससे इंजन को फिर से चालू किया जा सके। लेकिन विमान बहुत निचली ऊंचाई पर था, इसलिए इंजन में दोबारा thrust (दवाब, प्रेशर) विकसित होने से पहले ही विमान नीचे गिर गया। ईंधन कट-ऑफ स्विच बहुत ही संवेदनशील और संरक्षित होते हैं। इन्हें गलती से मूव करना लगभग नामुमकिन है, क्योंकि इन स्विचों के दोनों ओर ब्रैकेट होते हैं, जो इन्हें आकस्मिक छेड़छाड़ से बचाते हैं। इसके अलावा, इन्हें ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ या इसके उलट ले जाने के लिए पहले स्विच को उठाना पड़ता है — जिसे “स्टॉप लॉक” मैकेनिज्म कहा जाता है। यानी यह बिना किसी जानबूझकर प्रयास के नहीं हो सकता। जांच का यहीं पहलू सबसे ज्यादा संदेह के घेरे में है। एक्सपर्ट कहते हैं कि टेकऑफ और विमान की लैंडिंग के समय पायलट का ध्यान सामने होता है। सामान्यतः ये स्विच केवल तब उपयोग किए जाते हैं जब विमान जमीन पर होता है, यानी उड़ान से पहले इंजन चालू करने के लिए या फ्लाइट के अंत में इंजन बंद करने के लिए। उड़ान के दौरान इनका उपयोग तभी होता है जब इंजन में कोई खराबी आ जाए या वह विफल हो जाए, ताकि इंजन में ईंधन प्रवाह रोका जा सके। इस केस में ऐसी कोई आपात स्थिति नहीं थी, जिससे इंजन को जानबूझकर बंद करना जरूरी होता।

इंजन बंद होते ही आपातकालीन सिस्टम सक्रिय

जैसे ही दोनों इंजन बंद हुए, विमान में लगे Ram Air Turbine (RAT) ने स्वतः ही काम करना शुरू किया। RAT एक पवन-चालित टरबाइन होती है जो तब सक्रिय होती है जब विमान की मुख्य और सहायक बिजली व्यवस्था फेल हो जाती है। इसके साथ-साथ Auxiliary Power Unit (APU) ने भी खुद-ब-खुद स्टार्ट होकर बिजली देना शुरू किया। यह दोनों सिस्टम तब ही सक्रिय होते हैं जब विमान के दोनों इंजन पूरी तरह फेल हो जाते हैं।

तकनीकी खामी से इंकार, पायलट की भूमिका जांच के केंद्र में

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अभी तक की जांच में विमान (Boeing 787-8) और उसके GE GEnx-1B इंजनों में कोई तकनीकी खामी नहीं पाई गई है। इसलिए अब जांच का मुख्य केंद्र पायलटों की भूमिका पर आ गया है। इस जांच रिपोर्ट के सामने आने से जवाब मिलने से ज्यादा सवाल खड़े हो गए हैं। भारतीय विमान पायलट संघ (ALPAI) ने शनिवार, 12 जुलाई 2025 को एयर इंडिया विमान हादसे की निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित जांच की मांग की है। संघ ने यह दावा किया है कि जांच की वर्तमान दिशा से ऐसा प्रतीत होता है कि घटना को धीरे-धीरे पायलट पर थोपा जानें का प्रयास किया जा रहा है।

अभी यह प्रारम्भिक रिपोर्ट है, पूरी जानकारी आने में अभी भी काफी समय है, जिसे किसी भी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचना एक गलती और जल्दबाजी होगी।

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