उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने के कारण आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के चलते अब तक कम से कम पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन भी बचाव अभियान जारी रहा, जिसमें सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें राहत और रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई हैं।
धराली और सुखी टॉप में फटे बादल
पहला बादल फटने की घटना बुधवार दोपहर करीब 1:40 बजे धराली में हुई, जिसने इलाके में भारी तबाही मचाई। इसी के साथ ही एक अन्य बादल फटने की खबर सुखी टॉप क्षेत्र से भी आई, लेकिन वहां से किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं मिली है। धराली में यह घटना हर्सिल के पास स्थित खीरगंगा कैचमेंट क्षेत्र में हुई, जिसके बाद खीरगढ़ इलाके में बड़े पैमाने पर कीचड़ और मलबे की वजह से भूस्खलन शुरू हो गया।
घटना के बाद उत्तरकाशी से सामने आई भयावह तस्वीरों में लोगों को कीचड़ में फंसे हुए देखा गया, जो मदद के लिए चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे।
मृतकों की संख्या पहुंची 5, 100 से अधिक लापता
धराली में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ में मृतकों की संख्या बढ़कर बुधवार तक 5 हो गई है। ITBP के प्रवक्ता कमलेश कमल ने बताया कि अब भी लगभग 100 लोग फंसे हुए हैं और उन्हें शाम तक सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा यह भी खबर है कि हर्सिल क्षेत्र से 11 भारतीय सेना के जवान भी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
अब तक 150 लोगों को किया गया रेस्क्यू
NDRF डीआईजी मोहसिन शहीदी ने बताया कि भारतीय सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। अब तक करीब 150 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। देहरादून से दो NDRF टीमों को हवाई मार्ग से भेजने की योजना थी, लेकिन खराब मौसम के चलते उन्हें रवाना नहीं किया जा सका।
इस बीच किन्नौर कैलाश यात्रा मार्ग पर फंसे 413 तीर्थयात्रियों को भी सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया है।
14 राजपूताना राइफल्स ने संभाली जिम्मेदारी
राहत कार्य का नेतृत्व 14 राजपूताना राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन कर रहे हैं। उनके साथ 150 सैनिकों की टीम सक्रिय रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है। यह टीम पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में फंसे लोगों तक पहुंचने का हरसंभव प्रयास कर रही है।
उत्तरकाशी जिले में जारी यह आपदा बेहद गंभीर होती जा रही है और खराब मौसम राहत कार्यों में सबसे बड़ी बाधा बनकर सामने आया है। राहत एजेंसियों ने कहा है कि जैसे ही मौसम में सुधार होगा, हवाई बचाव कार्य शुरू किया जाएगा।
सरकार और प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है। प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं।