लॉर्ड्स टेस्ट के पांचवें दिन टेस्ट क्रिकेट का रोमांच देखने को मिला। ऐसा रोमांच जिसे कोई टी-20, कोई वनडे नहीं दे सकता। पांचवे दिन भारत की शुरुआत बेहद खराब रहीं। चौथा दिन खत्म होने पर सबसे उम्मीद ऋषभ पंत थे, लगा कि अगर पंत 15 ओवर भी टिक गए तो मैच आराम से भारत की झोली में डाल देगें लेकिन ऐसा नहीं हो पाया, ऑर्चर ने पंत को चलता कर भारत की आधी टीम पवेलियन भेज दी। जिसके बाद केएल राहुल भी आउट हो गए। थोड़ी देर बाद वाशिंगटन सुंदर को भी जाना पड़ा। इसके बाद एक तरफ जडेजा खड़े रहे। मैच को आखिरी सेशन तक घसीट ले गए। इस दौरान बुमराह और सिराज का साथ भी मिला, लेकिन वो साथ इतना काफी नहीं हुआ कि भारत मैच जीत पाता। सिराज के विकेट के साथ भारत यह मुकाबला हार गया, लेेकिन जडेजा 61 रन बनाकर दूसरे छोर मायूस खड़े रह गए।
स्टोक्स ने दिखाई अद्भुत कमिटमेंट
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स भले ही बल्ले से अपना जौहर नहीं दिखा पा रहे हैं लेकिन फील्ड टेस्ट क्रिकेट को लेकर उनकी कमिटमेंट एक अलग स्तर पर है। लॉर्ड्स टेस्ट के आखिरी दिन भारत पर 22 रन की रोमांचक जीत दिलाने में स्टोक्स ने अहम भूमिका निभाई। इस जीत के साथ इंग्लैंड ने पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली है। स्टोक्स को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। उन्होंने मैच में कुल 44 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए पांच विकेट चटकाए — जो उनके करियर का तीसरा सबसे लंबा और 2019 के बाद से सबसे अधिक, गेंदबाज़ी स्पेल था। बल्लेबाज़ी में भी उन्होंने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 33 रन बनाए, साथ ही भारत की पहली पारी में ऋषभ पंत का निर्णायक रनआउट भी किया।
तीसरे दिन की शाम इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम ने स्टोक्स को सात ओवर के स्पेल के बाद आराम करने का निर्देश दिया था, क्योंकि चोट से वापसी के बाद उनकी फिटनेस को लेकर सतर्कता बरती जा रही थी। लेकिन स्टोक्स ने खुद को फिर झोंक दिया और सोमवार की सुबह उन्होंने पिछले दिन का अधूरा ओवर पूरा किया, फिर 9.2 ओवर की कड़ी गेंदबाज़ी की जिसमें केएल राहुल का अहम विकेट भी शामिल था।
टी के बाद के बाद उन्होंने एक और 10 ओवर का स्पेल फेंका और जसप्रीत बुमराह को आउट कर भारत की उम्मीदों को लगभग खत्म कर दिया। बुमराह और रविंद्र जडेजा के बीच 35 रन की जुझारू साझेदारी चल रही थी, लेकिन स्टोक्स ने आखिरकार बुमराह को पवेलियन भेजकर इंग्लैंड की जीत तय कर दी। स्टोक्स का यह जज़्बा और समर्पण इंग्लैंड की इस यादगार जीत में निर्णायक साबित हुआ।