ट्रंप बोले, ‘भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द’, GTRI ने सर्तक रहने की दी हिदायत

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डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ की घोषणा की।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ एक संभावित व्यापार समझौते के संकेत दिए हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने कहा, “हमने टैरिफ की बदौलत कुछ बेहतरीन व्यापारिक समझौते करने में सफलता पाई है। इंडोनेशिया के साथ हमने अभी एक समझौता किया है और उसी तरह की एक समझौते की बात भारत से भी जारी है।

ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत के वाणिज्य मंत्रालय की एक टीम अमेरिका में व्यापार वार्ता के अगले दौर के लिए मौजूद है।वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत किसी भी व्यापार समझौते को तय समयसीमा के दबाव में नहीं करता और अमेरिका के साथ प्रस्तावित समझौता तभी स्वीकार किया जाएगा जब वह पूरी तरह निष्कर्षित, संतुलित और राष्ट्रीय हित में होगा।

ट्रंप ने पहले भी संकेत दिया था कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है। इंडोनेशिया को लेकर ट्रंप ने कहा कि इस देश के साथ एक बेहतरीन समझौता हुआ है, जिसके तहत अमेरिका को अब पूरे देश में व्यापार की अनुमति मिल गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि भारत के साथ भी ऐसा ही कुछ होगा।”

ट्रंप ने यह भी बताया कि इंडोनेशिया से अमेरिका में आने वाले सामान पर अब 19% टैरिफ लगेगा, जबकि अमेरिका से इंडोनेशिया भेजे जाने वाले सामान पर कोई शुल्क नहीं होगा। यह व्यवस्था अमेरिका के पक्ष में लाभकारी मानी जा रही है। इससे पहले इस देश ट्रंप ने 32 फीसदी टैरिफ शुल्क लगाया था, जिसे अब कम कर दिया गया है लेकिन इंडोनेशिया का अमेरिकी उत्पादों के लिए खुलना, उस देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा।

गौरतलब है कि ट्रंप ने हाल ही में 14 देशों को एक पत्र भेजकर टैरिफ अल्टीमेटम दिया था, जिसमें जापान, दक्षिण कोरिया, म्यांमार और बांग्लादेश शामिल थे, लेकिन भारत को इसमें शामिल नहीं किया गया।

GTRI की चेतावनी: ट्रंप से डील में सावधान रहे भारत

नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने अमेरिका के साथ किसी भी व्यापार समझौते पर बातचीत करते समय भारत को अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी है। GTRI ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन जिस तरह की असमान कूटनीति अपना रहा है, उसे देखते हुए भारत को किसी भी जल्दबाज़ी से बचना चाहिए।

थिंक टैंक के अनुसार, ट्रंप अक्सर एकतरफा घोषणाएं करते हैं, जैसे कि इंडोनेशिया के साथ डील का दावा या यह कहना कि भारत भी “उसी दिशा में काम कर रहा है”—जबकि असल में बातचीत पूरी तरह संपन्न नहीं हुई है। वियतनाम के मामले में भी यही देखा गया, जहां ट्रंप ने एकतरफा रूप से वियतनामी वस्तुओं पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा कर दी, जबकि वियतनामी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल 11 प्रतिशत तक की दर पर सहमति जताई थी।

इंडोनेशिया के लिए नए शुल्क दरों की घोषणा उस पत्र के बाद की गई, जिसमें ट्रंप ने पिछले सप्ताह देश पर 32 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही, जबकि दोनों देशों के बीच बातचीत अभी जारी थी। भारत के साथ भी बातचीत का दौर जारी है, हालांकि ट्रंप ने भारत के मामले में अभी तक कोई नया टैरिफ घोषित नहीं किया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि भारत और अमेरिका के बीच समझौता इंडोनेशियाई तर्ज पर होता है, तो भारत को अमेरिकी पेट्रोलियम और कृषि उत्पादों की खरीद बढ़ानी पड़ सकती है, साथ ही अन्य वस्तुओं के आयात का भी रास्ता खुल सकता है। जिससे भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है।

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