राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी (AAP) अब विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ का हिस्सा नहीं है। यह बयान शनिवार को होने वाली इंडिया गठबंधन की एक ऑनलाइन बैठक से पहले आया है, जिसमें देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहले हो रही है, और यह पहली बार है जब लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन के नेता किसी औपचारिक चर्चा के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।
संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने रुख को लेकर सब कुछ समय समय स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा, “AAP ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह अब INDIA गठबंधन का हिस्सा नहीं है। यह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बनाया गया था। दिल्ली और हरियाणा में हमने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन पंजाब, गुजरात जैसे राज्यों में उपचुनाव हमने अकेले लड़े। अब हम बिहार में भी अकेले चुनाव लड़ेंगे। पार्टी अब किसी भी प्रकार से इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है। हम संसद में जनहित के मुद्दों को पूरी मजबूती से उठाते रहेंगे और एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।”
उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर INDIA गठबंधन को लेकर उदासीनता और असफल नेतृत्व का आरोप लगाया। सिंह ने कहा, “क्या लोकसभा चुनाव के बाद कोई बैठक हुई? क्या INDIA गठबंधन को आगे बढ़ाने की कोई कोशिश हुई? कांग्रेस कभी अखिलेश यादव की आलोचना करती है, कभी उद्धव ठाकरे की, तो कभी ममता बनर्जी की। जब गठबंधन में एकजुटता ही नहीं रही, तो फिर इसका क्या औचित्य बचा? कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद गठबंधन को मजबूती देने में नाकाम रही है।”
संजय सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि AAP पहले दिन से सरकार की गलत नीतियों का विरोध करती रही है और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने कहा, “हमने हमेशा जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है, चाहे वो संसद के भीतर हो या बाहर। INDIA गठबंधन अपनी मर्जी से जो चाहे करे, हम विपक्ष की भूमिका पूरी ताकत से निभाएंगे।”
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में इसी विषय पर बयान दिया था। गुजरात के विसावदर विधानसभा उपचुनाव में AAP की जीत के बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने बीजेपी के इशारे पर काम किया और वोट काटने की कोशिश की, जिससे AAP को नुकसान हो। केजरीवाल ने कहा था, “जब कांग्रेस इसमें भी असफल रही, तो बीजेपी ने उन्हें फटकार भी लगाई थी। यही दिखाता है कि अब INDIA गठबंधन का कोई वजूद नहीं रहा। वह सिर्फ लोकसभा चुनावों तक सीमित था। अब हमारी ओर से कोई गठबंधन नहीं है।”
इस घटनाक्रम के बाद विपक्ष की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि शनिवार को होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में कौन-कौन दल शामिल होते हैं और AAP के इस निर्णय पर अन्य दलों की क्या प्रतिक्रिया होती है।