भारत और यूनाइटेड किंगडम ने गुरुवार को अपने बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर कर दिए। इस ऐतिहासिक करार से दोनों देशों के बीच वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में करीब 34 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच तमाम प्रयासों के बाद एक व्यापारिक एग्रीमेंट सम्पन्न हुआ है।
इस समझौते के तहत भारत से ब्रिटेन को जाने वाले 99% निर्यातों पर आयात शुल्क पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। इनमें टेक्सटाइल (वस्त्र), जेनेरिक दवाएं, मेडिकल उपकरण, चमड़े के उत्पाद, कृषि और रासायनिक वस्तुएं शामिल हैं।
वहीं ब्रिटेन को भी इस समझौते से बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है। अब ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्हिस्की, कारें और अन्य उत्पादों का निर्यात करना पहले से कहीं अधिक आसान हो जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, यह समझौता दोनों देशों के समग्र व्यापारिक दायरे को व्यापक रूप से बढ़ाएगा।
भारत के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौता माना जा रहा है। यह करार दर्शाता है कि भारत अब निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से व्यापारिक बाधाओं को कम करने के लिए तैयार है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता भारत-ब्रिटेन के आर्थिक रिश्तों को एक नई ऊंचाई देगा और दोनों देशों के उद्योगों को नई संभावनाएं और अवसर प्रदान करेगा।
इस एग्रीमेंट से भारत के फायदे
भारत और ब्रिटेन के बीच इस एफटीए पर वार्ता जनवरी 2022 में शुरू हुई थी, जो इस साल मई 2025 में पूरी हुई और अब इसे औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
कृषि निर्यात में नया अध्याय
सरकार के अनुमानों के अनुसार, यह एफटीए भारत के कृषि निर्यात को गति देने और वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर के कृषि निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएगा। इस करार के तहत भारत को ब्रिटेन जैसे प्रीमियम बाजारों तक आसान पहुंच मिलेगी, जिससे देश भर के किसानों और खाद्य उत्पादकों को बड़ा लाभ होगा।
भारत के कृषि उत्पादों को अब ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलेगा, जो कि कई यूरोपीय देशों को प्राप्त शर्तों से भी बेहतर होगा। इस समझौते से अगले तीन वर्षों में भारत से यूके को कृषि निर्यात में 20% से अधिक की वृद्धि की उम्मीद है।
भारतीय उपभोक्ताओं के लिए क्या होगा सस्ता?
इस समझौते के तहत भारत में स्कॉच व्हिस्की और लग्ज़री कारें अब पहले से सस्ती मिलेंगी। भारत ने यूके से आयात होने वाली स्कॉच व्हिस्की पर लगने वाला शुल्क 150% से घटाकर 75% करने पर सहमति दी है, जिसे आने वाले 10 वर्षों में और घटाकर 40% कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, ब्रिटेन में बनी लग्ज़री कारों पर लगने वाला 100% से अधिक आयात कर अब घटकर 10% कर दिया जाएगा।
ब्रिटेन सरकार ने गुरुवार को कहा कि भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हुए इस व्यापार समझौते से दीर्घकालिक रूप में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 39 प्रतिशत तक बढ़ेगा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यदि यह समझौता नहीं होता, तो वर्ष 2040 तक दोनों देशों के बीच व्यापार का अनुमानित स्तर लगभग 21 अरब डॉलर सालाना होता। लेकिन अब इस एफटीए के चलते यह आंकड़ा 34 अरब डॉलर सालाना तक पहुंचने की उम्मीद है — यानी अतिरिक्त 13 अरब डॉलर का व्यापारिक लाभ।