झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सह-संस्थापक और राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। उनके पुत्र और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह दुखद समाचार सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के माध्यम से साझा किया।
उनके निधन की सूचना राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति हरिवंश ने सदन को दी> उपसभापति ने शिबू सोरेन के योगदानों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वे एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जीवन भर आदिवासी समुदाय, गरीबों और वंचितों के कल्याण के लिए काम किया। इसके बाद सदन के सभी सदस्यों ने दिवंगत नेता की स्मृति में एक मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसी क्रम में, शोक संतप्त वातावरण को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया और घोषणा की गई कि सदन अब 5 अगस्त 2025 को दोबारा बैठेगा।
81 वर्षीय शिबू सोरेन पिछले एक महीने से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे, जहां वे किडनी से जुड़ी समस्याओं का इलाज करवा रहे थे। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा का नेतृत्व 38 वर्षों तक किया और पार्टी के संस्थापक संरक्षक के रूप में पहचाने जाते थे।
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को वर्तमान झारखंड के रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था। वे संथाल आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने झामुमो की स्थापना की और 2005 से 2010 के बीच तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
इसके अलावा वे पांच बार लोकसभा सांसद रहे और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में 2004–05 और 2006 में कोयला मंत्री के रूप में कार्यरत रहे। जून 2020 में वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए और अपने निधन तक इस पद पर बने रहे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी श्रद्धांजली
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने शोक संदेश में कहा कि मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में शिबू सोरेन का योगदान सदैव याद किया जाएगा।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में लिखा, “श्री शिबू सोरेन जी का निधन सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है। उन्होंने न केवल झारखंड राज्य के गठन और आदिवासी पहचान के संघर्ष को नेतृत्व दिया, बल्कि उन्होंने जमीनी स्तर पर भी उल्लेखनीय कार्य किया। झारखंड के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। जनकल्याण, विशेष रूप से आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए उनकी प्रतिबद्धता सदैव स्मरणीय रहेगी।”
आदिवासी समुदाय के सशक्तिकरण के लिए रहे समर्पित– मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने संदेश में लिखा, “श्री शिबू सोरेन जी एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनसेवा के क्षेत्र में अपनी मजबूत प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कार्य किया। वे विशेष रूप से आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त करने के लिए समर्पित थे।”
प्रधानमंत्री ने शिबू सोरेन के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी बातचीत कर संवेदना प्रकट की। उन्होंने लिखा, “उनके निधन से अत्यंत पीड़ा हुई है। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से बात कर शोक व्यक्त किया। ओम् शांति।”