सुप्रीम कोर्ट की राहुल गांधी को फटकार, कहा- सच्चे भारतीय हैं तो ऐसा नहीं बोलते

Khabar Desh
4 Min Read
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछे तीखे सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 4 अगस्त 2025 को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की एक अदालत में चल रही आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी। इस फैसले के साथ ही साथ शीर्ष अदालत ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने कहा- सेना पर गैर-जिम्मेदाराना बयान देने से राहुल गांधी को बचना चाहिए। उनके पास क्या सबूत है कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया है।

यह मामला दिसंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारत-चीन सीमा पर हुई झड़पों को लेकर भारतीय सेना पर दिए गए कथित बयान से जुड़ा है।

राहुल गांधी ने उस वक्त मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि “चीनी सैनिक भारतीय सेना के जवानों को पीट रहे हैं।” इस बयान को लेकर सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की एक अदालत में आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि यह बयान भारतीय सेना का अपमान करता है और उसकी छवि को धूमिल करता है।

राहुल गांधी ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। इसी अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी और उत्तर प्रदेश सरकार तथा शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

क्या सबूत है चीन ने भारत की जमीन हड़पी ?

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑग्सटीन जार्ज मसीह की दो-न्यायाधीशीय पीठ ने कांग्रेस नेता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से तीखे सवाल किए। लाइव लॉ के अनुसार- न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, “हमने वह टिप्पणी पढ़ी है… बताइए, उन्हें ( राहुल गांधी) कैसे पता चला कि 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर चीन ने कब्जा कर लिया है? क्या वह वहां मौजूद थे? आपके पास कोई विश्वसनीय प्रमाण है?”

उन्होंने आगे कहा, “यदि आप (राहुल गांधी) सच्चे भारतीय हैं, तो आप इस तरह की बातें नहीं कहेंगे।”

इस पर सिंघवी ने तर्क दिया कि यह टिप्पणी जनहित में की गई थी। उन्होंने कहा, “यह भी संभव है कि एक सच्चा भारतीय यह कहे कि हमारे 20 जवानों को मार डाला गया, यह भी चिंता का विषय है।”

इस पर जस्टिस दत्ता ने पलटकर पूछा, “जब सीमा पर संघर्ष होता है, तो क्या दोनों पक्षों को नुकसान नहीं होता? casualties असामान्य हैं क्या?” सिंघवी ने जवाब दिया, “बिलकुल नहीं, मैं तो केवल खुलासे की बात कर रहा हूँ।”

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है तो जिम्मेदार बनिए- सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति दत्ता ने फिर कहा, “अगर आप सच में खुलासे की बात कर रहे हैं, तो बतौर संसद में विपक्ष के नेता, संसद में यह सवाल क्यों नहीं पूछते?” उन्होंने आगे कहा, “आप कुछ भी कहते जाते हैं… यह सही है कि अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि एक जिम्मेदार नेता होते हुए भी इस तरह के बयान दिए जाएं।”

उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर भी सवाल उठाया और कहा कि हाई कोर्ट ने यह कहकर कार्यवाही को मंजूरी दे दी कि शिकायतकर्ता भले ही प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित व्यक्ति नहीं हैं, लेकिन वह अपमानित हुए हैं।

इस सबके बीच सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ अदालत में चल रही कार्यवाही पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी है और राज्य सरकार तथा शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई से पहले जवाब मांगा है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *